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पाठ-3 : मेरी दिनचर्या

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पाठ-परिचय (Introduction)

प्रस्तुत पाठ सबेरे उठने से लेकर रात को सोने तक की दिनचर्या के बारे में है।  दिनचर्या के काम रोज़ नियमित रूप से किए जाने हैं और इन्हें सामान्य वर्तमान (Simple Present) की क्रिया के रूप में व्यक्त किया जाता है। 

वह रोज पाँच बजे उठता है (He gets up at five O’clock every day)  इस क्रिया के माध्यम से हम अपने बारे में, सुनने वाले के बारे में या किसी अन्य व्यक्ति के बारे में अलग-अलग सूचनाएँ दे सकते हैं।  इस संदर्भ में इस क्रिया के कई रूप बन सकते हैं।

उद्देश्य (Learning Objectives)

इस पाठ को पढ़ने के बाद आप –

  • नित्य ‘वर्तमान काल’ की क्रियाओं से वाक्य बना सकेंगे/बोल सकेंगे;
  • क्रिया रूपों का प्रयोग लिंग-वचन के अनुसार कर सकेंगे;
  • अपनी और अपने परिवार के अन्य सदस्यों की दिनचर्या बता सकेंगे;
  • स्त्रीलिंग और पुलि्ंलग के वाक्यों को छाँट सकेंगे; और
  • ‘ता, ती’ के बहुवचन के रूपों को समझा सकेंगे।

मूल पाठ (Main Lesson)

मेरा नाम प्रकाश है।  मेरे पिता जी मेरा बहुत ध्यान रखते हैं।  वे मुझे सुबह पाँच बजे जगाते हैं।  मैं बेड-टी नहीं लेता।  मैं हाथ-मुँह धोता हूँ, पानी पीता हूँ और सैर को निकलता हूँ।  लौटकर नहाता हूँ और फिर पूजा करता हूँं।  यह सारा काम आठ बजे ख़त्म हो जाता है। 

मेरी बहन शोभा भी जल्दी उठती है।  वह योग-अभ्यास करती है।  वह स्नान करके स्कूल के लिए तैयार होती है।  माता जी हमें नाश्ता देती हैं।  टिफ़िन तैयार करती हैं और हमें स्कूल भेजती हैं।  

पिता जी अक्सर हमारे स्कूल में आते हैं।  वे अध्यापकों से मिलते हैं।  हमारे बारे में पूछते हैं।  वे कहते हैं कि पढ़ोगे तो सुखी रहोगे।  हम खूब पढ़ते हैं।  मेरी बहन तो हर साल ‘फ़र्स्ट ;पितेजद्ध आती है। 

दोपहर दो बजे हमारी छुट्टी होती है।  माता जी हमारा इंतज़ार करती हैं।  हम घर आकर कपड़े बदलते हैं और हाथ-मुँह धोकर खाना खाते हैं।  बाद में माता जी पढ़ाई के बारे में पूछती हैं। 

हम थोड़ी देर आराम करते हैं, फिर अपना होमवर्क करते हैं।  माता जी उसमें हमारी मदद करती हैं।  शाम को पाँच बजे मैं पार्क में जाता हूँ।  वहाँ दोस्तों के साथ खेलता हूँ।  मेरी बहन भी अपनी सहेलियों के साथ खेलती है।

 

सांस्कृतिक टिप्पणियाँ (Cultural Notes)

  • होली – फाल्गुन माह (फ़रवरी-मार्च) के महीने में मनाते हैं। इस त्योहार में लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं, मिठाई खिलाते हैं और गले मिलते हैं।

  • दीपावली – भगवान राम के अयोध्या लौटने पर उनके स्वागत के लिए लोगों ने अपने घर को दीपों से सजाकर खुशियाँ मनाईं।

  • क्रिसमस – ईसाइयों का प्रमुख त्योहार है। ईसामसीह का जन्मदिन मनाते हैं।

  • ईद – मुसलमानों का प्रमुख त्योहार है। इस दिन लोग मस्जिद में जाकर नमाज़ पढ़ते हैं और एक-दूसरे से गले मिलते हैं। मीठी सेवइयाँ बनाते खाते हैं।

  • दशहरा – इस दिन राम ने रावण को मारा था। रावण बुराई का प्रतीक है। इसलिए लोग रावण का पुतला जलाते हैं।

  • गुरु पूर्णिमा – कार्तिक पूर्णिमा के दिन लोग अपने-अपने गुरुओं की पूजा करते हैं। इस दिन सिख धर्म के लोग अपने पहले गुरु नानक देव जी का जन्म उत्सव के रूप में मनाते हैं।

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