इस पाठ में हम सहायक क्रिया के साथ कुछ अन्य वाक्यों का अभ्यास कर रहे हैं। लोगों का परिचय देना, इस पाठ का उद्देश्य है। परिचय के साथ ही हम उनके बारे में और विवरण देते हैं।
पाठ की स्वाभाविकता के लिए हम ‘रहता है’ (lives) ‘पढ़ता है’ (studies) का प्रयोग कर रहे हैं, लेकिन इन क्रियाओं का विस्तृत अभ्यास आप पाठ-3 में करेंगे।
उद्देश्य (Learning Objectives)
इस पाठ को पढ़ने के बाद आप
- ‘कैसे हैं’ की वाक्य संरचना का उपयोग कर सकेंगे हैं और लोगों का हाल-चाल पूछ सकेंगे।
- आप, लोगों का परिचय करा सकेंगे;
- कौन, क्या, कहाँ, कैसे आदि प्रश्नवाचक शब्दों का उपयोग कर सकेंगे;
- रिश्ते-नाते के शब्दों का प्रयोग कर सकेंगे;
- मिलने पर अभिवादन, आशीर्वाद आदि की अभिव्यक्तियों से परिचित हो सकेंगे; और
- सार्वनामिक विशेषण ‘मेरा’, ‘मेरी’ का प्रयोग कर सकेंगे।
मूल पाठ (Main Lesson)
रमेश – नमस्ते सर।
अध्यापक – नमस्ते, आओ।
रमेश – जी धन्यवाद,। माफ कीजिए, मुझे आने में थोड़ी देर हो गई।
अध्यापक – कोई बात नहीं। मैं तुम्हें अपने परिवार के लोगों से मिलाता हूँ।
रमेश – जी।
अध्यापक – ये मेरी श्रीमती जी हैं। अर्थात, मेरी पत्नी। इनका नाम मोहिनी है। ये विश्वविद्यालय में प्रोफे़सर हैं।
रमेश – नमस्ते।
मोहिनी – नमस्ते। बैठिए ।
अध्यापक – यह मेरी बेटी दीप्ति है। सातवीं कक्षा में पढ़ती है। यह क्रिकेट की अच्छी खिलाड़ी है। अनंत इसका बड़ा भाई है। अभी घर में नहीं है।
रमेश – अच्छा! क्रिकेट खेलती हैं?
अध्यापक – हाँ, ये स्कूल की टीम की कप्तान भी है।
(अंदर से अध्यापक के पिता जी और माता जी आते हैं)
अध्यापक – बाबू जी! यह मेरा छात्र रमेश है। यह त्रिनिदाद से है। रमेश! ये मेरे पिता जी हैं।
रमेश – प्रणाम सर। (पैर छूता है।)
पिता जी – सुखी रहो।
अध्यापक – ये मेरी माँ हैं। हम सभी भाई-बहन इन्हें ‘अम्मा जी’ कहते हैं।
रमेश – प्रणाम अम्मा जी।
अम्मा जी – जीते रहो बेटा।
रमेश – सर, आप अपने पिता जी को ‘बाबू जी’ कहते हैं?
अध्यापक – हाँ। तुम्हें कैसे पता?
रमेश – सर, अभी तो आपने मेरा परिचय देते समय इन्हें ‘बाबू जी’ कहा था। (दीवार पर लगी फ़ोटो की ओर इशारा करते हुए)
रमेश – सर, इस फ़ोटो में कौन-कौन लोग हैं?
अध्यापक – मेरे भाई और भाभी हैं। दोनो शिकागो में हैं। दोनों वैज्ञानिक हैं। साथ में इनके दो लड़के हैं। दोनों वहीं पढ़ते हैं।
रमेश – आपके भाई साहब के लड़कों के नाम क्या हैं?
अध्यापक – सर, मेरे छोटे भतीजे का नाम सुनील है और बड़े का विनीत।
रमेश – सब लोगों से मिलकर बहुत अच्छा लगा। अब चलता हूँ ।
अध्यापक – अच्छा, फिर आना।
विशिष्ट अभिव्यक्तियाँ
माफ़ कीजिए
‘माफ़ करना’ शब्द का प्रयोग ‘क्षमा माँगने’ के संदर्भ में किया जाता है। अंग्रेज़ी में इसका प्रयोग ‘excuse’ तथा ‘sorry’ शब्दों के अर्थ में किया जाता है; जैसे-
- माफ़ कीजिए, मैं आपकी बात नहीं सुन सका। Excuse me, I couldn’t hear you.
- माफ़ी चाहता हूँ, समय से नहीं आ सका। Sorry, I couldn’t reach in time.
अच्छा – शब्द के विभिन्न अर्थों को कक्षा में समझाएगा।
कैसे (how)
जब हम लोगों से मिलते हैं तो उनका कुशल-क्षेम ;ूमसिंतमद्ध या हाल-चाल ;ूमसस.इमपदहद्ध पूछते हैं। हिंदी में इसकी निम्नलिखित अभिव्यक्तियाँ देखिए-
- आप कैसे हैं? (पुरुषों से)
आप कैसी हैं? (स्त्रियों से)
- क्या हाल है? How are things
- आप अच्छे हैं / ठीक हैं? (to a male) Are you ok?
आप अच्छी हैं / ठीक हैं (to a female) Are you ok?
इनके उत्तर में निम्नलिखित अभिव्यक्तियाँ देखिए-
- मै ठीक हूँ। I am fine
- सब ठीक है। म्अमतलजीपदह पे पिदमण्
- मैं अच्छा हूँ। ठीक हूँ I am ok
मैं अच्छी हूँ। ठीक हूँ I am ok
लोगों को एक-दूसरे से परिचित कराने के लिए हम इस तरह के वाक्य बोलते हैं-
इनसे मिलिए। ये हैं
इनसे मिलो। ये हैं
सांस्कृतिक टिप्पणियाँ (Cultural Notes)
धन्यवाद
जब कोई हमारी सहायता करता है या हमारा कोई काम करता है तो हम उसे ‘धन्यवाद’ या शुक्रिया कहते हैं; ठीक उसी प्रकार जैसे अंग्रेज़ी में ‘थैंक यू’ (thank you) बोला जाता है।
अभिवादन
भारतीय समाज में कई प्रकार से अभिवादन करते हैं जैसे हिंदू-नमस्ते, नमस्कार, राम-राम और प्रणाम तथा मुसलमान-सलाम, आदाब आदि शब्दों का प्रयोग करते हैं।
अपने से बड़े और आदरणीय (respected) लोगों को प्रणाम करते हैं। बड़े लोग जवाब में प्रणाम नहीं करते वे छोटों को आशीर्वाद (blessing) देते हैं।
आशीर्वाद
जब हम बड़ों का आदर के साथ अभिवादन करते हैं, तो बड़े छोटों को आशीर्वाद देते हैं, जैसे-‘जीते रहो,’ ‘सुखी रहो’ आदि।
हिंदू समाज में आदरणीय व्यक्तियों के पाँव छूते हैं।
संबोधन
भारतीय समाज में बड़ों को रिश्ते के नाम में ‘जी’ लगाकर ही संबोधित करते हैं; जैसे- ताऊ जी, ताई जी, चाचा जी, चाची जी आदि। कुछ संबोधनों में ‘साहब’ शब्द भी लगाते हैं; जैसे-डॉक्टर साहब, मास्टर साहब आदि।
अपने से छोटों को नाम से संबोधित करते हैं। इसी प्रकार घर में अपने पिता के लिए ‘पिता जी’, ‘बाबू जी’, ‘पापा’, ‘डैडी’, आदि तथा माँ के लिए ‘अम्मा’, ‘मम्मी’ आदि संबोधनों का प्रयोग करते हैं।